Sr. no |
Name |
Title of the Paper |
Page. no |
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Admin |
Index File |
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1. |
Mr. Abdul Aziz U. Rajput
(Deccan Studies & Historical Research), Bijapur Sayed Shahid Ameen
Jamia Azhar
University of Cairo, Egypt |
The Tombs of Trio-Literati Sufis of Bijapur |
1-5 |
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2 |
Allabaksh Laal Patel
Gulbarga University, Kalaburgi Dr. Indumati P. Patil
Govt. College Kalaburgi (Gulbarga) |
Bahmani Coins of Deccan: A Study |
6-10 |
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3 |
NIDHI KATTI
Rani Channamma University, Belgavi |
THE ROLE OF JODHA BAI IN THE MUGHAL DAINESTY |
11-16 |
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4 |
Prof. Amruta Dinde
Kamala College, Kolhapur |
THANJAVUR PAINTING: A CLASSICAL SOUTH INDIAN STYLE |
17- 19 |
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5 |
Dr. R. V. Chitaguppi
JSS Banashankari Arts, Commerce & S.K.Gubbi Science College Vidyagiri Dharwad |
KALBAURGI The Cradle of South India Muslim Architecture |
20-25 |
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6 |
Ms. Jyoti .T. Yaligar
Karnatak University, Dharwad Ms. Roopa . T. Yaligar
Karnatak University, Dharwad |
Study of Vijaynagars Temple Architecture with reference to Balakrsna Temple |
26-27 |
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7 |
Ms. Siddhi Shah
Vivekanand College, Kolhapur |
GLIMPSE ON MUGHAL PAINTINGS |
28-30 |
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8 |
Dr. M.V. JADHAV
Y.C.College, Halkarni, Tal-Chandgad |
C~ptI iSavaajaI maharajaaMcyaa svarajyaatIla SaaihrI klaa |
31-34 |
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9 |
प्रा.रश्मी शिवाजी आडेकर
खरे -ढेरे -भोसले महाविद्यालय,गुहागर
जि.- रत्नागिरी |
दाभोळची – आयेशाबिबीची / शाही / माँसाहेब मशीद |
35-39 |
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10 |
कु.सोनाली खांडेकर
विवेकानंद कॉलेज, कोल्हापूर |
"सुफी तत्वज्ञान व भारतातील सुफी संप्रदायाचा विकास" |
40-44 |
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11 |
प्रा. पल्लवी रोहिदास मिरजकर
श्रीमती अक्काताई रामगोंडा पाटील कन्या महाविद्यालय, इचलकरंजी |
मुघलकालीन व्यक्तिचित्र : विशेष संदंर्भ अकबर आणि जहांगीर |
45-51 |
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12 |
Dr. Girish P. Vaghela
M. K. Bhavnagar University,
Bhavnagar, Gujrat |
शत्रुंजय महातीर्थ का आदिश्वर मंदिर और चतुर्मुख प्रासाद |
52-63 |
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13 |
प्रा. उमाकांत आण्णाप्पा हत्तीकट
शिवाजी विद्यापीठ, कोल्हापूर डॉ. मंजुश्री घोरपडे
विवेकानंद कॉलेज कोल्हापूर (स्वायत्त) |
मुघल व मुघालोत्तर काळातील संगीत कलेचा प्रवास |
64-67 |
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14 |
प्रा. डॉ. रविराज नामदेव कांबळे कर्मवीर भाऊराव पाटील महाविद्यालय, पंढरपूर |
मराठेकालीन कासेगाव परगण्यातील स्मारकांचा ऐतिहासिक दृष्टीकोनातून अभ्यास |
68-71 |
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15 |
सिध्दी सचिन बनछोडे
विवेकानंद कॉलेज,कोल्हापूर (स्वायत्त ) |
मध्ययुगीन स्थापत्यकलेचे प्रतिनिधित्व म्हणून मुघल स्थापत्याचा अभ्यास |
72-75 |
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16 |
लखन अभिमान गौडदाब
शिवाजी विद्यापीठ, कोल्हापूर. |
पूर्व मध्यकालीन महाराष्ट्रातील स्थापत्य कलेचे नागरी परिप्रेक्ष्यातून अभ्यास |
76-80 |
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17 |
डॉ. एस. आर. कट्टीमनी
विवेकानंद कॉलेज, कोल्हापूर (स्वायत्त) |
लेखनशास्त्रीय दृष्टिकोनातून मध्ययुगीन सुलतान कालीन वास्तूंचा तौलनिक अभ्यास |
81-87 |
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18 |
श्री अमोल नारायण गोटे
मु.पो. माढा, ता.माढा, जिल्हा सोलापुर |
तेर येथील मंदिर स्थापत्यात मध्ययुगीन कालखंडात झालेले जतनकाम. |
88-95 |
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19 |
श्री शशांक रामचंद्र चोथे
इतिहास अधिविभाग
शिवाजी विद्यापीठ, कोल्हापूर |
खिद्रापूरच्या कोपेश्वर मंदिरावरील वाद्य वादक सुरसुंदरींची शिल्पे |
96-98 |
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20 |
प्रा. डॉ. विलास भानुदास बंडगर.
उमा शिक्षणशास्त्र महाविद्यालय बी. एड. पंढरपूर |
मध्ययुगीन कालखंडातील कला आणि वास्तुकला यांच्या आशय समृद्धीसाठी डिजिटल तंत्रस्नेही उपक्रम राबवणे व परिणामकारकता तपासणे |
99-103 |
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21 |
Dr. Mahadeo Vishnu Mate
College of Education, Barshi |
DEVELOPMENT OF AWARENESS AMONG B.ED. STUDENT-TEACHERS ABOUT PERFORMING ARTS IN MEDIEVAL INDIA |
104-106 |
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